Monday, July 4, 2016

माँ के आगे हर सवाल छोटे

















माँ के आगे हर सवाल छोटे

छोटी सी ऐ जिंदगी सवाल क्‍यों बड़े बड़े
कब निकल गया बचपन कब जवानी में पड़े
हंसते हंसते निकल गये घर से जिमेदारीयों के तले
मिला नहीं वो चाहा ,दिये इम्तिहान बड़े बड़े
आज भी घर की दहलीज़ में कुछ तो भूल पड़े
हंसती हुई माँ के कुछ अश्क हम कैसे भूल पड़े
माँ की हर दुवां में कितने जवाब थे पड़े
हर इम्तिहान में अपनी माँ को देख पड़े
अपने से पहले हर खुशी माँ को दे पड़े
जिंदगी की हर मुश्किलों से हम जीत पड़े
:-@अभिषेक शर्मा

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