Wednesday, August 31, 2016

दीदार की हसरत













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हसीन चेहरे को कहाँ सजने की फुरसत है
इस दिल को उन के दीदार की हसरत है
मासूम सी वो सादगी ही है उनकी पहचान
देखो बहारों मे छुपी वो सच मे कुदरत है
अभिषेक शर्मा अभि
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स्वंयरचित रचना सर्वाधिकार प्राप्त

2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 03 सितम्बर 2016 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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