Thursday, November 10, 2016

झूठी माया


















छोडो दौलत का मोह झूठी यह माया है
भष्‍टाचार का फैला ये तो काला साया है
हसरतों से उपर के सपने होते है झूठे
लालच ने देखो आज इसान को नचाया है
______________अभिषेक शर्मा अभि

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